ये एक digital currency है जिसे की केवल online ही goods और services खरीदने के लिए इस्तमाल किया जाता है. यह एक De-centrallized currency है जिसका मतलब है की इसपर Government या कोई भी institution का कोई भी हाथ नहीं है।

भारत में क्रिप्टो निवेश हुआ 200 गुणा, कौन और क्यों लगा रहा पैसा?

AscendEX निवेश

अपने प्लेटफॉर्म को उतनी ही गंभीरता बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? से लें जितना कि आप अपने पैसों को लेते हैं। AscendEX के 0% कमिशन और फीस-फ्री प्लेटफॉर्म का मतलब है कि क्रिप्टो में $100 डालने से वास्तव में आपको क्रिप्टो में $100 मिलते हैं। Bitcoin, Ethereum, और Dogecoin जैसी क्रिप्टो खरीदें और बेचें या नए विशेष रूप से फीचर्ड altcoins को एक्सप्लोर करें।

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जानिए क्यों Bitcoin की कीमत लगातार घटती जा रही है?

जानिए क्यों Bitcoin की कीमत लगातार घटती जा रही है?

"Crypto-jacking" attacks have become a growing problem in the cybersecurity industry, affecting both consumers and organisations. (Reuters)

अक्टूबर 2017 के बाद, बिटकॉइन में जिस तरह की तेज़ी देखी गई, दुनियाभर के निवेशक चौंक गए थे. 4,000 डॉलर की कीमत बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? से, बिटकॉइन सिर्फ दो महीने में 19,000 डॉलर के पार पहुंच गया था. लेकिन जल्द ही, गिरावट शुरू हुई और अब सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी 6,000 डॉलर से भी नीचे पहुंच गई है, जो 2018 में सबसे कम है. रविवार की दोपहर में बिटकॉइन 5,787 डॉलर के निचले स्तर पहुंच गया और सोमवार तड़के 6,131 डॉलर पर कारोबार करता देखा गया. बिटकॉइन में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि टैक्स सेलिंग, कड़े नियम, कई देशों में प्रतिबंध और हैकिंग्स आदि.

सरकारी बेरुखी का निवेशकों पर असर नहीं

केंद्र सरकार और RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर समय समय पर चिंता जताई है. RBI ने कुछ महीने पहले संबंधित 'मेजर कंसर्न' की तरफ इशारा किया था. वहीं, सरकार की तरफ से डिजिटल कॉइन पर प्रतिबंध के संकेत मिले थे.राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."

इसके बावजूद क्रिप्टो के लिए बढ़ती रुचि अहम है. सख्त बैन की खबरों के बाद से अब तक गवर्नमेंट इस विषय पर शांत है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 का एक नियम खारिज कर दिया जिसमें बैंकों को क्रिप्टो व्यापार से दूर रखा गया था. जानकारों के मुताबिक अगर यह बैन नहीं आया होता तो क्रिप्टो बाजार और भी बड़ा हो सकता था.

अगर बैन लगा तो ये निवेशक क्या कर सकते हैं?

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की स्थिति में, कई निवेशकों के लिए अपनी एसेट्स(क्रिप्टो) को बेचना बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? सबसे आसान और तार्किक मार्ग होगा, लेकिन उनके पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं-

निवेशक अपनी क्रिप्टो एसेट को 'सेल्फ-कस्टडी वॉलेट' में ट्रांसफर कर सकते हैं, जो USB ड्राइव, माइक्रो SD कार्ड या स्मार्ट कार्ड के रूप में डिजिटल डिवाइस हैं. ये डिवाइस निवेशकों की निजी बिटकॉइन key या keys को संग्रहीत करते हैं. बिटकॉइन को स्टोर करने के लिए कुछ लोकप्रिय हार्डवेयर वॉलेट जैसे लेजर, ट्रेजर, सेफपाल और बिटलॉक्स उपलब्ध हैं.निवेशक इन वॉलेट में अपनी क्रिप्टो एसेट को स्टोर कर सकते हैं और इन वॉलेट्स को विदेशों में रह रहें अपने दोस्तों या परिवार को भेज सकते हैं,यदि वे बैन की स्थिति में अपने वॉलेट को भारत में रखने को लेकर चिंतित हैं.

हालाँकि, यहाँ भी एक मुश्किल है. यदि निवेशक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज से वॉलेट के माध्यम से अपनी क्रिप्टो एसेट को हार्ड ड्राइव या पेन ड्राइव में स्थानांतरित करता है, तो रेगुलेटरी ऑथोरिटी इन क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज KYC (अपने ग्राहक को जानें) मानदंडों का पालन करते हैं और यूजर्स को साइन अप करने के लिए अपने पैन कार्ड डिटेल देने की आवश्यकता होती है.

Dogecoin का फ्यूचर क्या है?

कुछ विद्वानों की माने तो का फ्यूचर काफी अच्छा बताया जा रहा है। ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है की इस की वर्तमान की रेट में 50 से 80 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

अगर आप इसमें आज निवेश बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? करते है तो यह आपके लिए एक शानदार मौका हो सकता है और यह क्रिप्टोकरेंसी आपको भविष्य में एक अच्छी कमाई कर के दे सकता है।

Dogecoin कैसे खरीदें? (How to Buy)

अगर आप भी Dogecoin खरीदना चाहते हैं तो खरीद सकते हैं। किसी भी दूसरी क्रिप्टोकरंसी की तरह डॉजकॉइन (Dogecoin) को क्रिप्टोकरंसी वॉलेट या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए खरीदा जा सकता है।

डॉजकॉइन के लिए डेडिकेटेड वॉलेट भी हैं, जिन्हें स्मार्टफोन के जरिए खरीदा जा सकता है। भारत में BuyUcoin, Bitbns, या Zebpay के जरिए डॉजकॉइन खरीदा जा सकता है। इन प्लेटफॉर्म्स पर क्रिप्टोकरंसी की खरीददारी के पहले केवाईसी (KYC) प्रॉसेस को पूरा करना होता है।

Dogecoin का Future क्या है?

अगर बात करें Dogecoin के फ्यूचर की तो इसके के बारे में निवेशकों की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसका मार्केट कैप करीब 86 अरब डॉलर पहुंच गया है।

और यह होंडा जैसी दिग्गज कंपनियों से भी आगे निकल गई है। होंडा का मार्केट कैप 54.42 अरब डॉलर है। Dogecoin के प्रति निवेशकों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? जा सकता है कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक RobinHood क्रैश हो गया था। भारत में भी सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX भी इसी वजह से कुछ समय के लिए डाउन हो गया था।

निष्कर्ष –

इस तरह से अब आपको पता चल गया होगा की, Dogecoin क्या है (Dogecoin kya hai), और डोगेकोईन के बारे में आपको और भी बहौत सारी बाते पता चली होगी। और साथ ही आपको Dogecoin के लिए बहौत अच्छी जानकारी मिली होगी।

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