काम की बात: Small Cap Funds में निवेश करने से पहले जान लें ये बातें, फायदे में रहेंगे

Small Cap Mutual Funds: कई स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड निवेशकों ने 100 शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें फीसदी रिटर्न हासिल किया जिसके बाद से इनमें निवेश को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है.

By: ABP Live | Updated at : 27 Jan 2022 10:54 PM (IST)

Small Cap Mutual Funds: पिछले साल कई स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड (small cap mutual fund) निवेशकों (investors) ने 100 फीसदी रिटर्न हासिल किया. इसके बाद से ही लोगों की दिलचस्पी स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड को लेकर बढ़ी है. हालांकि इसमें निवेश के साथ ही कई सवाल भी उठते हैं जैसे कि क्या स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में निवेश करने का कोई सुरक्षित तरीका है? म्यूचुअल फंड चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आज हम आपको कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जिनका ध्यान आपको स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले रखना है.

जोखिम से नहीं बच सकते
आगे बढ़ने से पहले, आपको एक बात समझ लेनी चाहिए. अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें कर रहे हैं, खासकर स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में तो आप जोखिम और अस्थिरता से पूरी तरह से बच नहीं सकते हैं. दरअसल स्मॉल कैप स्कीमें बहुत छोटी कंपनियों में निवेश करती हैं जिनका भविष्य उज्ज्वल होता है.

हालांकि, इनमें से अधिकांश कंपनियों के गर्वनेंस मुद्दे होते हैं और वे वादे पर खरे नहीं उतरती हैं. अगर ये कंपनियां जरा भी लड़खड़ाती हैं, तो उन्हें शेयर बाजार में कड़ी सजा मिलेगी. कुछ ही समय में शेयर की कीमतों को शून्य तक घटाया जा सकता है. ध्यान रखें स्मॉल शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें कैप स्कीमों में निवेश करते समय आप यही जोखिम उठा रहे होते हैं.

जोखिम को कम कैसे करें
आप इस खतरे से कैसे पार पाते हैं? ठीक है, आप इसे पूरी तरह से कभी नहीं टाल सकते हैं, लेकिन आप झटके को हल्का करने के लिए कुछ सावधानियां बरत सकते हैं. एक, आपको स्मॉल कैप स्कीमों में तभी निवेश करना चाहिए, जब आपके पास वास्तव में लंबा निवेश समय हो. उदाहरण के लिए, अगर आपके पास कम से कम सात से 10 साल का समय नहीं है तो स्मॉल कैप स्कीमों में निवेश न करें. इससे आपको अपने नुकसान की भरपाई के लिए कुछ समय मिलेगा.

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दूसरा, स्मॉलकैप स्कीमों को कभी भी मुख्य पोर्टफोलियो न बनाएं. स्मॉलकैप स्कीमें हमेशा उतार-चढ़ाव के गंभीर दौर से गुजरती हैं. इसलिए, वे आपको स्थिर रिटर्न नहीं देंगी.

तीसरा, हमेशा ऐसे फंड हाउस और प्रबंधकों को चुनें जो स्मॉल कैप स्कीमों के प्रबंधन में अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं. ध्यान रखें कि स्मॉल कैप स्कीमों में निवेश करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. यह पूरा खेल होनहार कंपनियों की पहचान करने, पहले से ही सार्थक दांव लगाने और पैसा बनाने के लिए उन्हें धैर्यपूर्वक पकड़ने के बारे में है. केवल कुछ ही फंड मैनेजर लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देने में कामयाब रहे हैं.

चौथा, सुनिश्चित करें कि फंड का आकार बहुत बड़ा नहीं है. स्मॉल कैप स्पेस में निवेश के विकल्प तलाशना बहुत मुश्किल है. जब आपके शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें पास वास्तव में एक बड़ा कोष होता है, तो यह बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है. यही कारण है कि कई फंड हाउस एक निश्चित समय के बाद सब्सक्रिप्शन के लिए अपनी योजनाओं को बंद करने के लिए मजबूर हैं. इसलिए हमेशा छोटी रकम वाली स्कीम चुनें.

अंत में, स्मॉल कैप योजनाओं में निवेश शुरू न करें जब आप उनके द्वारा पोस्ट किए गए बड़े रिटर्न देखते हैं और गिरावट के पहले संकेत पर रुक जाते हैं. यह पैसा खोने का एक निश्चित तरीका है. यदि आप बाजार में खराब दौर के दौरान अपने निवेश से घबराते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि आपके पास स्मॉल कैप योजनाओं में निवेश करने के लिए आवश्यक जोखिम उठाने की क्षमता नहीं है. यदि आपके पास आवश्यक जोखिम प्रोफ़ाइल और लंबी अवधि के निवेश का समय है, तो बाजार की स्थिति के बावजूद, लंबी अवधि में नियमित रूप से स्मॉल कैप योजनाओं में निवेश करें.

अपने स्मॉल कैप निवेश पर पैसा बनाने का यही एकमात्र तरीका है. अंत में, स्मॉल कैप निवेश बहुत आक्रामक निवेशकों के लिए है. अगर बाजार की हर मंदी आपको डराती है तो इनसे दूर रहना ही बेहतर है.

(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्हीं भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)

Published at : 27 Jan 2022 10:54 PM (IST) Tags: Mutual Funds investors Smallcap Mutual Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Stock Market Investors इन बातों पर रखें ध्यान नहीं तो हो जायेंगे कंगाल

Share Market Investment Tips: शेयर बाजार के बारे में तो आपने भी सुना होगा। अगर किसी से नहीं सुना तो वह टीवी और मोबाइल में कार्यक्रमों के बीच आने वाला शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के प्रचार में तो सुना ही होगा। जिसमें बताया जाता है कि शेयर मार्केट जोखिम के अधीन है। इसलिए शेयर मार्केट में पैसा लगाते समय जानकारी एकत्र कर लेंना आवश्यक हो जाता है। आज हम शेयर मार्केट से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। अगर इन जानकारियों पर गौर कर शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं तो अवश्य ही अपको लाभ होगा। शेयर मार्केट में पैसा लगाते समय कुछ खास बातों पर अगर ध्यान दिया गया तो नुकसान नहीं होता है।

पहले प्लानिंग फिर निवेश

शेयर मार्केट के जानकार बताते हैं कि म्यूच्यूअल फंड की अपेक्षा शेयर मार्केट में निवेश करने में रिस्क ज्यादा होता है। इसके बाद भी लोग निवेश करते हैं। क्योंकि लाभ भी ज्यादा होता है। अब लाभ उठाने के लिए कुछ रिस्क तो लेना ही पड़ेगा। कहने का मतलब यह है कि शेयर मार्केट में लाभ के लिए निवेश तो करें। लेकिन निवेश करने के लिए प्लानिंग आवश्यक हैं। प्लानिंग करते समय यह देखें कि हमारी जोखिम उठाने की क्षमता कितनी है इसी आधार पर निवेश करना चाहिए। आंख मूंदकर पैसा लगाना और पूरी तरह से बर्बाद हो जाना यह अच्छा नहीं है।

पहले बाजार को समझें

अगर आप शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए अपनी प्लानिंग कर लिए हैं तो आपके लिए आवश्यक है कि आप पहले बाजार को समझें। क्योंकि बाजार हमेशा सटीक अनुमान नहीं देता। कितना भी जानकार व्यक्ति हो शेयर मार्केट का काम करते हुए भले ही बूढ़ा हो गया हो लेकिन वह भी शेयर मार्केट के लिए 100 प्रतिशत सटीक अंदाजा नहीं लगा सकता। इसलिए आवश्यक है कि शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों को समझे इसके बाद पैसा लगाएं।

हाई रिटर्न की छोटी स्कीमों से बचें

शेयर मार्केट में कई ऐसे निवेश होते हैं जो कम समय के लिए होते हैं। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें उनमें हाई रिटर्न देने का वादा किया जाता है लेकिन अनुभवी कहते हैं कि तरह के प्लान में निवेश के पहले पूरी तरह से सर्च अवश्य करें। हाई रिटर्न वाले शेयर में पैसा लगाने के पहले एक प्लानिंग अवश्य कर ले।

पैसा लगाने में जल्दबाजी न करें

फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनाए रखने के लिए चीजों को सरल रखना होता है। बाजार में उतार-चढ़ाव बना ही रहता है इस बात को हम कई बार बता चुके हैं। इसलिए शेयर बाजार में पैसा लगाने के पहले कायदे से सोच समझ ले। क्योंकि शेयर मार्केट में कंपनियों के दाम जैसे-जैसे बढ़ते जाते हैं हम जल्दबाजी में पैसा लगाना शुरू कर देते हैं। लेकिन यह सही नहीं है पैसा लगाने के पहले उसके बारे में जानकारी लें।

Options Trading: क्‍या होती है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्‍या हो आपकी रणनीति

Options Trading: निश्चित ही ऑप्‍शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)

ऑप्‍शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )

डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्‍य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.

क्‍या है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग?

Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्‍शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्‍शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्‍शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्‍तेमाल किया जाता है स्‍ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्‍स को भविष्‍य में जाता हुआ देखते हैं.

जानकारी के बिना ऑप्शंस ट्रेडिंग मौके का खेल है. ज्‍यादातर नए निवेशक ऑप्शंस में पैसा खो देते हैं. ऑप्शंस ट्रेडिंग में जाने से पहले कुछ बुनियादी बातों से परिचित होना आवश्यक है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड - इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन हेमांग जानी ने ऑप्‍शंस ट्रेडिंग को लेकर कुछ दे रहे हैं जो आपके काम आ सकते हैं.

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धन की आवश्यकता: ऑप्शंस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.

ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य नियम के रूप में, कारोबारियों को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्‍ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है.

जानकारी हासिल करें: व्यक्ति को ऑप्शंस और उनके अर्थों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ जार्गन्स से परिचित होने का प्रयास करना चाहिए. यह न केवल ऑप्शन ट्रेडिंग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि सही रणनीति और बाजार के समय के बारे में भी निर्णय ले सकता है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, सीखना संभव हो जाता है, जो एक ही समय में आपके ज्ञान और अनुभव दोनों को बढ़ाता है.

इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग से बचें: लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को ट्रेड में अधिक आसानी से आने और जाने की अनुमति देता है. सबसे ज्यादा लिक्विड स्टॉक आमतौर पर उच्च मात्रा वाले होते हैं. कम कारोबार वाले स्टॉक अप्रत्याशित होते हैं और बेहद स्पेक्युलेटिव होते हैं, इसलिए यदि संभव हो तो इससे बचना चाहिए.

होल्डिंग पीरियड को परिभाषित करें: वक्‍त ऑप्शंस के मूल्य निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रत्येक बीतता दिन आपके ऑप्शंस के मूल्य को कम करता है. इसलिए व्यक्ति को भी पोजीशन को समय पर कवर करने की आवश्यकता होती है, भले ही पोजीशन प्रॉफिट या लॉस में हो.
मुख्‍य बात यह जानना है कि कब प्रॉफिट लेना है और कब लॉस उठाना है. इनके अलावा, व्यक्ति को पोजीशन की अत्यधिक लेवरेज और एवरेजिंग से भी बचना चाहिए. स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही, ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऑप्शंस खरीदना और बेचना शामिल है या तो कॉल करें या पुट करें.

ऑप्शंस बाइंग के लिए सीमित जोखिम के साथ एक छोटे वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है अर्थात भुगतान किए गए प्रीमियम तक, जबकि एक ऑप्शंस सेलर के रूप में, व्यक्ति बाजार का विपरीत दृष्टिकोण रखता है. ऑप्शंस को बेचते वक्त माना गया जोखिम मतलब नुकसान मूल निवेश से अधिक हो सकता है यदि अंतर्निहित स्टॉक (Underlying Stocks) की कीमत काफी गिरती है या शून्य हो जाती है.

ऑप्शंस खरीदते या बेचते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:

  • डीप-आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) विकल्प केवल इसलिए न शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें खरीदें क्योंकि यह सस्ता है.
  • समय ऑप्शन के खरीदार के खिलाफ और ऑप्शन के विक्रेता के पक्ष में काम करता है. इसलिए समाप्ति के करीब ऑप्शन खरीदना बहुत अच्छा विचार नहीं है.
  • अस्थिरता ऑप्शन के मूल्य को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कारकों में से एक है. इसलिए आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस खरीदें और जब अस्थिरता कम होने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस बेचें.
  • प्रमुख घटनाओं या प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों से पहले ऑप्शंस बेचने के बजाय ऑप्शंस खरीदना हमेशा बेहतर होता है.

नियमित अंतराल पर प्रॉफिट की बुकिंग करते रहें या प्रॉफिट का ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस रखें. अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो ऑप्शंस ट्रेडिंग से कई गुना रिटर्न्स प्राप्‍त किया जा सकता है.

(डिस्‍क्‍लेमर : प्रकाशित विचार एक्‍सपर्ट के निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें.)

Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के उपाय

शेयर बाजार

शेयर बाजार एक ऐसा स्थान है, जहां से आप अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं, पर हम आपको बता दें कि यहां अच्छी कमाई के साथ-साथ आपको नुकसान भी सहना पड़ सकता है, ऐसे में सबसे ज्यादा आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पैसे को कैसे बचाए रखना है. मार्केटिंग में प्रत्येक व्यक्ति पैसे कमाने की बात करते हैं. परंतु कुछ लोग ही ऐसे होते हैं, जो पैसे को नुकसान होने से बचाए रखने की बात करते होंगे, यदि आप स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे हैं, तो आपको इससे पहले यह समझना होगा कि आपको क्या सावधानी शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें बरतनी चाहिए, जिससे आपको नुकसान होने की संभावना कम से कम रहे, साथ ही हम आपको बता दें कि यह एक व्यक्ति के लिए नहीं इसको जानना उन व्यक्तियों के लिए बहुत आवश्यक होता है, जो शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करते हैं.

तो आज हम आपको शेयर बाजार में नुकसान से बचने की उन सभी उपाय को बताएंगे, जिसे फॉलो करके आप शेयर मार्केट से लम्बे समय में कम से कम नुकशान से अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं. तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में विस्तार से:-

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के उपाय

1. अगर आप शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं, तो आप अनलिस्टेड शेयर में इन्वेस्ट भूलकर भी ना करें, क्योंकि इसमें नुकसान होने के अधिक अवसर होते हैं.

2. यदि आप पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं, तो ऐसे शेयर में इन्वेस्ट करें जिसमें ज्यादातर खरीदी बिक्री हो रही हो.

3. निवेशकों को यह ध्यान देना चाहिए, कि वह एक ही कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट ना करें, क्योंकि इससे भी शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें पैसे डूबने के अवसर ज्यादातर होते हैं.

4. निवेशकों को इन्वेस्ट करते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए, कि जिस शेयर में वह इन्वेस्ट कर रहे शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ आवश्यक बातें हैं, उस शेयर के खरीदार आसानी से उपलब्ध हो ताकि निवेशक अपने पैसे निकाल सके.

5. निवेशक को हमेशा इन्वेस्ट करते समय हाई रिस्क- हाई रिटर्न लो रिस्क- लो रिटर्न के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए, जैसे कि कुछ शेयर हाई -रिस्क वाले ख़रीदे तो कुछ लो रिस्क वाले इससे निवेशक को नुकसान होने की संभावना कम होती है.

6. निवेशकों को इन्वेस्ट करने से पहले शेयर बाजार से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी का अभ्यास कर लेना चाहिए, और साथ ही बाजार में निवेशक के अफसरों को पहचान लेना चाहिए.

7. निवेशक को शेयर मार्केट में कभी पैसा सट्टा समझकर नहीं इन्वेस्ट करना चाहिए, निवेशक को हमेशा एक समझदार इन्वेस्टर के रूप में अपने पैसों को इन्वेस्ट करना चाहिए.

8. निवेशक को Intra day ट्रेडिंग से बचना चाहिए और अगर वह इन्वेस्ट कर रहा है, तो उसे हमेशा long term इन्वेस्टमेंट करना चाहिए.

9. निवेशक को अपना पैसा हमेशा ग्रोथ वाली कम्पनियो में इन्वेस्ट करना चाहिए.

10. इन्वेस्टर को कम P /E ratio वाली कंपनियों में अपने पैसों को इन्वेस्ट करना चाहिए.

11. इन्वेस्टर को एक ही बार में सभी शेयर को नहीं खरीदना चाहिए बल्कि उसे Averaging strategy को अपनाना चाहिए जैसे कि अगर आपको 100 शेयर किसी कंपनी के खरीदने है, कुछ शेयर अभी ख़रीदे और उसके प्राइस पर नजर रखे. प्राइस बढ़ने की स्थिति में थोड़ी -थोड़ी खरीद करे. इससे आपके शेयरों का खरीद मूल्य कम होगा, और आपको रिटर्न में अच्छा खासा पैसा मिल सकता है.

12. निवेशक को शेयर मार्केट में कभी भी लोन लेकर निवेश नहीं करना चाहिए.

13. निवेशक को शेयर मार्केट में उतना ही पैसा लगाना चाहिए, जितना तुरंत वापस पाने पर दबाव ना हो.

14. यदि बाजार में गिरावट का रुख हो तो निवेशक को प्रतीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि जब गिरावट रुक जाती है. और शेयर में वृद्धि होने लगती है तब निवेशक को बेहतर रिटर्न प्राप्त होता है.

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