देश की वर्तमान पीढ़ी में से विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है बहुत कम युवा उस दौर की कहानी से वाकिफ होंगे. श्रीलंका के हालात और उसके कारणों की पड़ताल से पहले संक्षेप में जानिए उस हालात के बारे में.

विजय दर्डा का ब्लॉग: सोना न होता तो भारत बन जाता श्रीलंका

sri lanka economic crisis reserve gold india | विजय दर्डा का ब्लॉग: सोना न होता तो भारत बन जाता श्रीलंका

Highlights तीन दशक पहले भारत जब दिवालिया होने के कगार पर था। हमने 20 टन सोना बेचकर और बाद में तेजी से आर्थिक सुधार करके खुद को बचा लिया था. श्रीलंका पर अभी विदेशी कर्ज का भार 50 अरब डॉलर से ज्यादा का हो गया है.

कहते हैं कि रावण के समय श्रीलंका सोने की थी लेकिन आज श्रीलंका के खजाने में इतना सोना भी नहीं कि उसे बेचकर खुद को दिवालियेपन से बचा ले! . लेकिन कमाल देखिए कि कोई तीन दशक पहले भारत जब दिवालिया होने के कगार पर था तब हमने 20 टन सोना बेचकर और बाद में तेजी से आर्थिक सुधार करके खुद को विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है बचा लिया था.

आत्म-दर्शन : मारें नहीं, पालें

विद्यासागर महाराज

पर्यावरण की दृष्टि से भी पशु-पक्षियों का संरक्षण अनिवार्य है। यदि पशु-पक्षी समाप्त हो जाएंगे, तो यहां हरियाली भी नहीं बचेगी। पेड़-पौधों, वनस्पति, हरियाली के बिना हम जीवित नहीं रह सकते। जीवन के लिए वनस्पति अनिवार्य है। पर्यावरण मनुष्य ने बिगाड़ा है, पशु-पक्षियों ने नहीं। प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए पशु-पक्षी, पेड़-पौधों की विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है उपस्थिति अनिवार्य है। पशुओं का वध पर्यावरण का विनाश है, यह प्रकृति के लिए खतरनाक है। फिर भी किसी को इसकी चिंता नहीं, मात्र विदेशी मुद्रा के लालच में हम अपने पशु धन को मिटाने पर तुले हुए हैं।

श्रीलंका जैसे हुए पाकिस्तान के हालात, टिक-टिक टाइम बम बनी देश की अर्थव्‍यवस्‍था

विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है

इस्लामाबाद: श्रीलंका की तरह ही अब पाकिस्तान पर भी आर्थिक संकट का असर पड़ रहा है। पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था इस समय टिक-टिक टाइम बम की तरह हो रही है और देश धीरे-धीरे श्रीलंका बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। डेली पार्लियामेंट टाइम्स में लिखते हुए मुहम्मद हमजा क़मर ने कहा कि पाकिस्तान के पास बड़ी मात्रा में कर्ज, उच्च मुद्रास्फीति, बेरोजगारी में वृद्धि और कई अन्य व्यापक आर्थिक समस्याएं हैं जो स्पष्ट रूप से देश के सामने आने वाली कई चुनौतियों को दर्शाती हैं। आवश्यक वस्तुओं पर आयात, सीमित विदेशी मुद्रा स्रोत, मुक्त विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है व्यापार पर प्रतिबंध और संचित विदेशी ऋण श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ कई अन्य खतरनाक समानताएं हैं।

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डालर बनाम रुपया

डालर बनाम रुपया

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल फोटो)

रुपए के उल्लेखनीय लचीलेपन के बावजूद इसकी कीमत में तेजी से गिरावट आई है। मगर पिछली बार की तुलना में अपेक्षाकृत यह गिरावट कम विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है रही है। विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों के कारण अमेरिकी डालर के मुकाबले भारतीय रुपए में लगभग सात फीसद की गिरावट आई है, विशेष रूप से, व्यापक चालू खाता घाटा, भू-राजनीतिक तनाव के परिणामस्वरूप लगातार जोखिम और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निरंतर बिकवाली इस गिरावट का कारण है।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि डालर दुनिया की सभी मुद्राओं के विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है मुकाबले मजबूत हुआ है। जून 2022 में अमेरिका में मुद्रास्फीति 9.1 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इसने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में उलटफेर को प्रेरित किया। अमेरिका में मुद्रास्फीति में बेरोकटोक वृद्धि के कारण आने वाले कुछ महीनों तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखने की उम्मीद है। आज डालर विश्व की अन्य मुद्राओं के मुकाबले पिछले बीस साल के सारे रिकार्ड तोड़ चुका है।

जरुरी जानकारी | रुपया 65 पैसे लुढ़ककर लगभग एक माह के निचले स्तर 82.50 प्रति डॉलर पर

जरुरी जानकारी | रुपया 65 पैसे लुढ़ककर लगभग एक माह के निचले स्तर 82.50 प्रति डॉलर पर

मुंबई, छह दिसंबर अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 65 पैसे लुढ़ककर लगभग एक माह के निचले स्तर 82.50 प्रति डॉलर पर विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है बंद हुआ। विदेशी बाजारों में कच्चा तेल कीमतों में तेजी आने और घरेलू शेयर बाजार में भारी बिकवाली दबाव से रुपये में विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है गिरावट आई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले निवेशकों के बीच विदेशी पूंजी की निकासी को लेकर चिंता रही।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.94 पर कमजोर खुला और कारोबार के अंत में यह 65 पैसे औंधे मुंह लुढ़ककर 81.50 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 81.94 के उच्चस्तर और 82.63 के निचले स्तर को छुआ।

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