यदि आपके पास स्टॉक एक्सचेंज और क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच अंतर के बारे में कोई प्रश्न हैं, तो हमारे विशेषज्ञ से संपर्क करने में संकोच न करें!
Cryptocurrency Market और Stocks Market के बीच क्या अंतर है?
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Cryptocurrency Market और Stocks Market किसे कहते है और Difference Between Cryptocurrency Market and Stocks Market in Hindi की Cryptocurrency Market और Stocks Market में क्या अंतर है?
Cryptocurrency Market और Stocks Market दोनों एक दूसरे से काफी अलग है। स्टॉक मार्केट एक long-established asset वर्ग हैं जो लंबी और छोटी अवधि के रिटर्न दोनों दे सकते हैं वही दूसरी और क्रिप्टो मार्किट एक नया वित्तीय साधन है जो उच्च मूल्य अस्थिरता और जोखिम के लिए प्रवण है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच प्राथमिक अंतर है। एक स्टॉक एक्सचेंज कंपनी के शेयरों या शेयरों में ट्रेड करता है, जबकि एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल मुद्राओं), जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और कई अन्य में ट्रेड करता है।
Conclusion
आज के इस पोस्ट में हमने जाना की Cryptocurrency Market और Stocks Market किसे कहते है और Difference Between Cryptocurrency Market and Stocks Market in Hindi की Cryptocurrency Market और Stocks Market में क्या अंतर है।
हालांकि क्रिप्टो और स्टॉक के बीच स्पष्ट अंतर हैं, लेकिन फिर भी कुछ समानताएं हैं। क्रिप्टो और स्टॉक दोनों ही वैध निवेश विकल्प हैं, और वे आपके पोर्टफोलियो में विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति कर सकते हैं।
ईमानदारी
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच मुख्य अंतर इसके भीतर किए जाने वाले सभी लेनदेन की पारदर्शिता और ईमानदारी है। यह देखते हुए कि बिटकॉइन पूरी तरह से गुमनाम है, एक्सचेंज संसाधन में क्षमता है, उदाहरण के लिए, उपयोगकर्ता धन चोरी करने के लिए। ऐसी सेवा बोली को बदल सकती है, धन की निकासी को सीमित कर सकती है, आदि।
स्टॉक एक्सचेंज के साथ काम करते हुए यूजर्स खुद को ऐसी स्थिति में कभी नहीं पाएंगे। कंपनी के लिए लाभ का मुख्य स्रोत कमीशन है, इसलिए पंजीकृत क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने और नए व्यापारियों को आकर्षित करने में रुचि रखते हैं।
मूल्य निर्धारण
एक एक्सचेंज संसाधन गंभीर लाभ ला सकता है यदि यह स्वचालित डेटा प्रोसेसिंग पर आधारित है। क्रिप्टो-एक्सचेंजों और अन्य ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा पेश किए गए टैरिफ के आधार पर विनिमय दर मूल्य स्वचालित रूप से उत्पन्न होता है। यदि बाजार में उतार-चढ़ाव बड़ा है, तो आपके पास कम कीमत पर मुद्रा खरीदने या उसे अधिक कीमत पर बेचने का समय हो सकता है।
स्टॉक एक्सचेंजों पर, कीमत केवल बाजार सहभागियों द्वारा बनाई जाती है। क्रिप्टोकुरेंसी की लागत हमेशा अद्यतित होती है और यह सबसे उचित है। बिटकॉइन खरीदने और बेचने की कीमत में अंतर अधिकतम कई दसियों डॉलर तक पहुंच सकता है।
व्यापार करने की क्षमता
स्टॉक एक्सचेंज आपको विनिमय दर में बदलाव पर व्यापार करने और पैसा बनाने की अनुमति देता है। एक्सचेंज केवल 2 विकल्प प्रदान करता है – बेचें और खरीदें। उसी समय, उद्धरण इतने महत्वपूर्ण रूप से भिन्न हो सकते हैं कि बाजार को जानने के बाद भी, उपयोगकर्ता मूल्य अंतर से लाभ नहीं उठा सकते हैं।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का मुख्य कार्य सभी बाजार उपयोगकर्ताओं के लिए सबसे सुविधाजनक व्यापारिक स्थिति बनाना है। प्रत्येक व्यापारी संचालन की गति और सौदे के निष्पादन की सराहना करता है। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से, क्रिप्टोकरेंसी का आदान-प्रदान एक सेकंड के कुछ दसवें हिस्से में पूरा हो जाता है। निकासी को भुगतान सेवाओं के नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसके लिए धन तुरंत प्राप्त होता है।
स्टॉक एक्सचेंजों को लेन-देन की प्रक्रिया में अधिक समय लगता है क्योंकि आपको अपने आवेदन की समीक्षा और स्वीकृत होने तक इंतजार करना पड़ता है।
हम उपरोक्त को संक्षेप में प्रस्तुत करने का प्रस्ताव करते हैं
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, क्रिप्टो एक्सचेंज स्टॉक एक्सचेंजों से तीन महत्वपूर्ण लाभों में भिन्न है – सादगी, सुविधा और इंटरफ़ेस। बेशक, उन साइटों और लिपियों के बारे में मत भूलना जो केवल क्रिप्टो वॉलेट नंबर और सार्वजनिक पते का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी का आदान-प्रदान करना संभव बनाती हैं। लेकिन, ऐसे ऑपरेशन बहुत खतरनाक होते हैं और इनकी गति कम होती है।
स्टॉक एक्सचेंज पर आरंभ करने के लिए, आपको बस एक खाता पंजीकृत करना होगा, सत्यापन के माध्यम से जाना होगा और एक पते को एक वॉलेट से जोड़ना होगा। एक्सचेंज के साथ आगे की सभी बातचीत बहुत सरल और समझने योग्य है। बीटीसी को एक सेकंड में खरीदा जा सकता है, और फंड दो में निकाला जा सकता है, एक एक्सचेंज के विपरीत, जहां प्रत्येक लेनदेन के लिए आपको एक पुष्टिकरण कुंजी और वॉलेट नंबर दर्ज करने की आवश्यकता होती है।
Crypto और Stocks में क्या अंतर है? Difference Between Crypto and Stocks in Hindi
जैसे जैसे भारत में Crypto निवेशकों की संख्या बढ़ती जा रही है। वैसे वैसे लोगों के बीच में ये उत्सुकता भी बनी हुई है की “What are the Differences Between Crypto and Stocks in Hindi”. तो साथियों हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे की Crypto और Stocks के बीच में क्या अंतर है।
इसके अलावा अगर आप इंटरनेट के ढूंढ रहें हो जैसे की Difference Between Crypto and Stocks in Hindi, Crypto aur Stocks me anter, Crypto Stocks se kaise alag hai, Crypto aur Stocks ke fayde nuksan, Which is Best out of Crypto and Stocks in Hindi, आदि।
तो आपको इन बातों के बारे में जानने के लिए कहीं ओर नहीं जाना पड़ेगा क्योंकि हम आपको इन सभी सवालों का जवाब बड़ी ही आसान भाषा में देंगे ताकि आपको भी पता चल सके कि आपके लिए कौन सी Investment बेहतर रहेगी।
Crypto और Stocks में क्या अंतर है? Difference Between Crypto and Stocks in Hindi
यदि हम बात करें Cryptocurrency की तो एक प्रकार की Digital Assets हैं जो Blockchain Technology के ऊपर काम करती है।
वहीं दूसरी ओर Stocks किसी कम्पनी की हिस्सेदारी होती है। जिसमें आपके द्वारा खरीदे हुए शेयर्स के बदले आपको उस कम्पनी में हिस्सेदारी मिलती है। ये दोनो ही अलग अलग Asset Class हैं। मगर हम इन दोनो को ही Trade कर सकते हैं, तथा लंबी अवधि के लिए निवेश भी कर सकते हैं।
अगर हम इन दोनो ही Assets की बात करें तो दोनों से ही निवेशक पैसा कमाना चाहते हैं। मगर दोनों में निवेश करने का तरीका भिन्न भिन्न है। यदि आप Crypto में निवेश करते हैं तो आपको न ही यहां Stocks की तरह कम्पनी में हिस्सेदारी मिलती है और ना ही यहां कोई डिविडेंट मिलता है।
Cryptocurrency क्या है? What is Cryptocurrency in Hindi?
अगर साधारण शब्दों में कहें तो Crypto currency एक Digital Currency है जो Blockchain Technology के ऊपर काम करती है। इसमें Cryptography तकनीक का उपयोग कर इसे सुरक्षित बनाया जाता है। इसकी सभी लेनदेन अच्छे से वेरिफाई की जाती हैं तभी ये पूरी हो पाती हैं। तथा हमे ट्रांजेक्शन के लिए किसी Exchange का उपयोग करना होता है। और यहां पर दो प्रकार के Crypto Exchanges होते हैं। जो की Centralized Crypto Exchanges और Decentralized Crypto Exchanges होते हैं।
Stocks का मतलब होता है किसी भी बिजनेस में खरीदे हुए Stocks के अनुसार मालिकाना हक मिलना, यहां पर आपको कम्पनी में उतनी ही हिस्सेदारी मिलती है जीतने प्रतिशत अपने Stocks खरीदे हैं। इसमें शेयरधारकों को उनकी हिस्सेदारी के अनुसार ही मुनाफा और घाटा होता है। शेयर बाजार में Stocks का मूल्य कंपनी के प्रदर्शन पर तथा बाजार में कुछ नई घोषणा या क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? किसी खबर के हिसाब से ऊपर नीचे होता है।
Main Differences Between Crypto and Stocks in Hindi
अगर हम इन दोनों में अंतर की बात करें तो यहां पर ऐसी काफी भिन्नताएं हैं जो हमे देखने को मिलती हैं, तथा आपको भी इन्हें अवश्य जानना चाहिए।
Exchanges
यदि हम Crypto Exchanges की बात करें तो ये Stock Market Exchanges की तुलना में काफी नए हैं। यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा Crypto Exchange,क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? Binance ही वर्ष 2017 में लॉन्च हुआ था। 2021 के मध्य में इसके ऊपर Daily Trading Volume $50 Billion थी।
अगर हम बात करें Share Market Exchanges की तो ये सैंकड़ों साल पुराने हैं, और NASDAQ की एक दिन की कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का जिक्र करें तो Binance से 5 गुणा अधिक है। और ये तो सिर्फ एक देश का Stock Exchange है। इसी तरह हर देश में अलग अलग Stock Exchanges हैं।
क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज? कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? पढ़ें इससे जुड़ी सभी काम की बातें
Cryptocurrency Exchange Explained: पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच निवेश का एक पसंदीदा विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक डिजिटल मार्केटप्लेस है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच सकते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप डिजिटल और रुपये या डॉलर के बदले एक्सचेंज में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कर सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म्स खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी के तौर पर काम करते हैं और इनमें एक कमीशन या ट्रांजैक्शन फीस ली जाती है. CoinDCX, CoinSwitch Kuber, और UnoCoin भारत में मौजूद कुछ ऑनलाइन एक्सचेंज के उदाहरण हैं. एक निवेशक ऑनलाइन एक्सचेंज का क्रिप्टो क्वॉइन्स को वापस रुपये या डॉलर में बदलने के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है. इसके बाद वे अपने बैंक अकाउंट से राशि को विद्ड्रॉ कर सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी के खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी या ब्रोकरेज कंपनी की तरह काम करता है. इसके जरिए खरीदार कई तरीकों का इस्तेमाल करके पैसे जमा करा सकता है जैसे सीधे बैंक से ट्रांसफर, यूपीआई, क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना आदि. इसकी सर्विसेज का इस्तेमाल करने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर एक कमीशन या फीस तय की गई है.
स्टॉक मार्केट से कितना अलग है Cryptocurrency का बाजार, कम पैसे में कहां मिल रहा ज्यादा रिटर्न
यह सवाल आज हर उस आदमी के मन में उठ रहा है जो बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम (Ethereum) और डोजकॉइन (Dogecoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) में निवेश कर रहे हैं. लोग अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना चाहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों का अस्तित्व अलग है और बाजार भी. खरीदने-बेचने का तरीका भी एक दूसरे से भिन्न है. दोनों का एसेट क्लास भी अलग है और बाजार में इनका बर्ताव देखें तो दोनों के बीच 36 का आंकड़ा होता है. ऐसे में स्टॉक में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना कितना जायज है?
दोनों को समझना जरूरी
स्टॉक और क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए दोनों को समझना जरूरी है. स्टॉक के जरिये किसी कंपनी में शेयर खरीदने के साथ ही कुछ अधिकार आपके हाथ में आ जाता है. हो सकता है कि कंपनी के ऑपरेशन पर आपका हक नहीं है, लेकिन उस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कौन बैठेगा, इसके लिए जब वोटिंग होगी तो आप उसमें हिस्सा ले सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंपनी की प्रोपर्टी के आप भी हकदार हैं. जैसे ही कोई और व्यक्ति उस कंपनी का सामान खरीदता है, आपके शेयर में कुछ और प्रोपर्टी जुड़ जाती है. स्टॉक का सारा खेल इसी आधार पर चलता है.
कोई कॉरपोरेशन स्टॉक बेचता है और कंपनी का कुछ कंट्रोल दूसरे को दे देता है ताकि फंड जुटाया जा सके. इस फंड से कंपनी का बिजनेस बढ़ता है. कंपनी बिकती है तो कर्मचारी भी बाहर हो सकते हैं. इन कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से कुछ शेयर दिए जा सकते हैं. कैश दिए जाने से बचा जाता है क्योंकि वह कैश कंपनी के बिजनेस में इस्तेमाल हो सकता है. कोई कंपनी पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग लाती है ताकि और फंड जुटाया जा सके. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कंपनी अपने पुराने शेयरहोल्डर्स को शेयर बेचती है और उसके बदले कैश लेती है.
क्रिप्टो का बाजार क्या है
क्रिप्टोकरंसी में ऐसी बात नहीं होती. क्रिप्टोकरंसी का सीधा मतलब है डिजिटल करंसी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? टेक्नोलॉजी खरीदारों को सिक्योर पेमेंट की सुविधा देती है. क्रिप्टोकरंसी कभी भी सेंट्रल बैंक के सहारे नहीं चलती बल्कि इसका धंधा कंप्यूटर के नेटवर्क के जरिये चलता है और उसी के माध्यम से ट्रांजेक्शन होता है. आप जो भी ब्लॉकचेन इस्तेमाल करेंगे, उससे क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं.
उदाहरण के लिए बिटकॉइन का ब्लॉकचेन कुछ सिक्के खरीदारों के लिए जारी करता है. ब्लॉकचेन पर ये सिक्के एक ही बार में जारी नहीं होते बल्कि कुछ-कुछ की मात्रा में एक खास ब्लॉक में जारी किया जाता है. जब उस ब्लॉक के सिक्के की बिक्री हो जाती है तो दूसरे ब्लॉक में सिक्के उतारे जाते हैं. ब्लॉकचेन पर क्रिप्टो की खरीदारी के लिए ट्रांजेक्शन के रूप में क्रिप्टोकरंसी ही दी जाती है. इथीरियम क्रिप्टोकरंसी इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलती है. लेकिन इस ब्लॉकचेन का अन्य क्रिप्टो कॉइन भी इस्तेमाल करती हैं. यूनीस्वैप (uniswap) नाम का प्रोजेक्ट इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलता है. इसका अपना कोई एक्सचेंज नहीं है, इसलिए यह इथीरियम के ब्लॉकचेन का उपयोग करता है.
टोकन में भी लगा सकते हैं पैसा
इसका मतलब यह हुआ कि यूनिस्वैप यूजर को इथीरियम के ब्लॉकचेन के अंतर्गत ही खरीदारी करनी होगी. आप चाहें तो क्रिप्टोकरंसी के टोकन डायरेक्ट खरीद सकते हैं. यूनीस्वैप की तरह डेफी प्रोजेक्ट के टोकन भी बेचे जाते हैं जो यूटिलिटी टोकन होते हैं. इसी तरह कुछ गवर्नेंस टोकन भी होते हैं. यूनीस्वैप पूरी तरह से गवर्नेंस टोकन है. अब आप जब भी निवेश क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? करने चलें तो ध्यान दें कि स्टॉक में या क्रिप्टो में पैसा लगाने जा रहे हैं. आप टोकन में भी लगा सकते हैं, लेकिन सबका प्रोफिट देने का तरीका अलग-अलग होता है.
सवाल ये भी उठते हैं कि क्या क्रिप्टो और स्टॉक में कोई सीधा संबंध है? जानकार बताते हैं कि सीधा संबंध नहीं है बल्कि ऐसा देखा जाता है कि जब क्रिप्टो का बाजार गिरता है तो स्टॉक चढ़ता है. यह भी जानना होगा कि स्टॉक की तुलना में क्रिप्टो के बाजार में ज्यादा उथल-पुथल होती है. क्रिप्टो जब चढ़ता है तो लगातार उसके भाव चढ़ते हैं और जब गिरता है तो लगातार दाम गिरते हैं. स्टॉक से इसका सीधा संबंध नहीं है. इसलिए जब भी अपना पोर्टफोलिया बनाएं, यह सोच कर बनाएं कि क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो भारी उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
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