भारत विश्व का सबसे बड़ा गन्ना,चीनी उत्पादक : नरेन्द्र सिंह तोमर

नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश बन गया है बल्कि यह चीनी का सबसे बड़ा निर्यातक भी बन गया है। श्री तोमर ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश में औसतन सालाना एक लाख 40 हजार करोड़ टन चीनी का उत्पादन होता है। चीनी उद्योग से करीब पांच करोड़ किसान और पांच करोड़ मजदूर जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि पहले देश में चीनी का उत्पादन महंगा था जिसके कारण इसके निर्यात पर सरकार को सब्सिडी देनी पड़ती थी। इसके लिए 18000 करोड़ रुपये दिये गये थे। अब बड़े पैमाने पर चीनी उत्पादन होने से सब्सिडी देने की जरूरत नहीं रह गयी है। चीनी मिले मुनाफे में आ गई हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017: 18 में 6/8 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था जो 2018:19 में बढकर 38 लाख टन हो गया था। वर्ष 2020 : 21 के दौरान 60 लाख टन और 2021:22 के दौरान 110 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया। कृषि मंत्री ने कहा कि चीनी मिलों ने बड़े पैमाने पर एथनाल का उत्पादन शुरू कर दिया है और वर्ष 2022 तक 925 करोड़ लीटर एथनाल के उत्पादन करने का लक्ष्य है। देश में 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनाल मिलाने का लक्ष्य है । इससे पेट्रोलियम के आयात में भारी कमी होगी और इससे विदेशी मुद्रा की बचत हो सकेगी। उन्होंने कहा कि गन्ना सीजन 2021:22 के दौरान चीनी मिलों पर किसानों का 118271 करोड़ रुपये बकाया था, जिसमें से 114981 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। इस प्रकार किसानों के करीब 97 प्रतिशत बकाये राशि का भुगतान कर दिया गया था।

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Pakistan Economic Crisis: श्रीलंका से भी बुरे हालात में फंसा पाकिस्तान

Pakistan Economic Crisis: श्रीलंका जैसा आर्थिक संकट अब पाकिस्तान को अपने शिकंजे में ले चुका है। पाकिस्तान के पास नकदी की भारी कमी है। वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चला है।

Neel Mani Lal

Pakistan Economic Crisis

Pakistan Economic Crisis। (Social Media)

Pakistan Economic Crisis: श्रीलंका जैसा आर्थिक संकट अब पाकिस्तान को अपने शिकंजे में ले चुका है। पाकिस्तान के पास नकदी की विदेशी मुद्रा समाचार व्यापार रणनीति भारी कमी है, तेल खरीदने का पैसा नहीं है, विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चला है। ऊपर से विदेश से कामगारों द्वारा भेजे जाने वाले धन में कमी आ गई है, धान, गेहूँ, कपास जैसी महत्वपूर्ण फसलें काफी प्रभावित हुईं हैं। आलम ये है कि पाकिस्तान पर 78,319 मिलियन डॉलर का विदेशी कर्जा है और वर्तमान स्थिति उसे और भी कर्जा लेने की ओर धकेल रही है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के लिए कर रही संघर्ष

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट 'एशियन डेवलपमेंट आउटलुक 2022 सप्लीमेंट' में भविष्यवाणी की है कि जून 2023 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य भारी बाढ़ के कारण बहुत खराब हो गया है जबकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के लिए संघर्ष कर विदेशी मुद्रा समाचार व्यापार रणनीति रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की अभूतपूर्व बाढ़ का पाकिस्तान के स्थानीय उद्योगों - विशेष रूप से कपड़ा और फ़ूड प्रोसेसिंग पर पड़ा है। यही नहीं, थोक व्यापार, परिवहन और सर्विस सेक्टर भी प्रभावित है।

पाकिस्तान के राजनयिक मिशन कर रहा गंभीर वित्तीय संकट का सामना

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा रखा गया विदेशी मुद्रा भंडार 2 दिसंबर को 1 अरब अमेरिकी डॉलर के सुकुक बांड के भुगतान के बाद 784 मिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 6.715 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर आ गया। यह जनवरी 2019 के बाद से सबसे निचला स्तर है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, एसबीपी और वित्त मंत्रालय द्वारा साख पत्र सहित सभी भुगतान रोक दिए जाने के बाद कई देशों में पाकिस्तान के राजनयिक मिशन गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। यूरोपीय संघ और दुनिया भर में पाकिस्तान के मिशनों ने इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द वेतन और भत्ते जारी करें।

नवंबर में विदेश से भेजे जाने वाले धन में 14 फीसदी की आई गिरावट

दूसरी ओर, इस साल नवंबर में विदेश से भेजे जाने वाले धन में 14 फीसदी की गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान पैसे के फ्लो में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। एसबीपी ने एक नया डेटा जारी किया है जो बताता है कि विदेश से भेजा जाने वाली रकम नवंबर में गिरकर 2.1 अरब डॉलर हो गई जो पिछले साल इसी महीने के दौरान 2.5 अरब डॉलर थी। पाकिस्तान में डॉलर की कीमत 224.71 पाकिस्तानी रुपया हो गई है।

पाकिस्तान के डिफ़ॉल्ट की ओर बढ़ने की संभावना बढ़ गई: पूर्व वित्त मंत्री

पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के डिफ़ॉल्ट की ओर बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। जाहिर है, पाकिस्तान की समस्याओं का कोई तत्काल समाधान नहीं है। इसके अतिरिक्त, वर्तमान ऊर्जा संकट और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का पाकिस्तान में स्थानीय आबादी, विशेष रूप से छोटे व्यवसायों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। पाकिस्तान पर आने वाले महीनों में आम चुनाव कराने का वित्तीय बोझ पड़ने वाला है। देश की आर्थिक स्थिति के लिए जहां इमरान खान वर्तमान सरकार को कोस रहे हैं वहीं शाहबाज़ शरीफ सरकार और उनकी पार्टी इमरान खान के शासन को जिम्मेदार ठहरा रही है। इसके अलावा सरकार यूक्रेन युद्ध और बाढ़ को भी दोष दे रही है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की कहानी उसके कर्ज के चरित्र के बिना अधूरी

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की कहानी उसके कर्ज के चरित्र के बिना अधूरी है। पाकिस्तान की आर्थिक चुनौती अगस्त 1947 में आजादी के बाद ही शुरू हो गई थी। लेकिन 1958 में पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यक्रम में प्रवेश करने के बाद से पाकिस्तान कर्ज के जाल से बाहर नहीं आ सका। कुल 22 आईएमएफ कार्यक्रमों के साथ, पाकिस्तान बहुपक्षीय ऋणदाता के तले रहा है। इसके विपरीत, भारत और बांग्लादेश क्रमशः सात और 10 अवसरों पर ही आईएमएफ तक पहुंचे हैं। पाकिस्तान अभी भी अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बाहरी ऋण पर निर्भर करता है। पिछले 75 वर्षों में, पाकिस्तान ने अक्सर संकट देखे हैं जहाँ उसे राजकोषीय असंतुलन और अपने भुगतान संतुलन पर भारी दबाव का सामना करना पड़ा है। बार-बार, आईएमएफ ने उसे सहायता प्रदान की है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने अर्थव्यवस्था में अल्पकालिक स्थिरता लाने के लिए किया है। आज पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट और कर्जे में डूबा हुआ है और इससे उबरने के कोई संकेत फिलहाल तो दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।

रुपया शुरुआती कारोबार में 11 पैसे टूटकर 82.73 प्रति डॉलर पर

मुंबई: घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11 पैसे कमजोर हो गया.

हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि विदेशों में प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कमजोर डॉलर ने स्थानीय मुद्रा को संभाला और गिरावट को रोक दिया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर होकर 82.69 प्रति डॉलर पर खुला. बाद में यह 11 पैसे के नुकसान के साथ 82.73 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था.

सोमवार को पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 13 पैसे टूटकर 82.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इसी बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 प्रतिशत के नुकसान से 104.33 पर आ गया. सोर्स- भाषा

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इंग्लैंड में भाषा शिक्षा और आवास

चूंकि अंग्रेजी भाषा के स्कूल उच्च गुणवत्ता वाले और अच्छी तरह से स्थापित संस्थान हैं, यूके में भाषा शिक्षा छात्रों द्वारा पसंद किया जाने वाला पहला विकल्प है। इंग्लैंड में सैकड़ों भाषा स्कूल ब्रिटिश काउंसिल द्वारा अनुमोदित हैं। कई भाषा स्कूल लंदन, कैम्ब्रिज, ऑक्सफोर्ड, ब्राइटन और बोर्नमाउथ में हैं। [अधिक . ]

Ameriki विदेशी मुद्रा समाचार व्यापार रणनीति Dollar: अमेरिकी डॉलर को जल्द टक्कर देगा भारतीय रुपए, मोदी के इस निर्णय के बाद हुआ ये बड़ा बदलाव

Ameriki Dollar

Ameriki Dollar: अमेरिकी डॉलर को जल्द टक्कर देगा भारतीय रुपए, मोदी के इस निर्णय के बाद हुआ ये बड़ा बदलाव

Ameriki Dollar: विश्व में वर्तमान समय में अमेरिकी डॉलर की कीमत बहुत महंगी है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय रुपय की भी कीमत काफी सस्ती है। लेकिन आपको बता दें कि अब भारतीय रुपया भी हमारी के डॉलर को टक्कर देने के लिए तैयार है। दरअसल की पूरी खबर आ रही है मोदी सरकार की ओर से मोदी सरकार ने हाल फिलहाल में एक फैसला लिया जिसमें बताया गया कि कुछ वर्षों के अंतराल में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर से काफी महंगा हो जाएगा और तो और मजबूत भी।

Ameriki Dollar:भाई आपको बता दें विदेशी मुद्रा समाचार व्यापार रणनीति कि पिछले हफ्ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए काफी तेजी से गिरावट देखने को मिली है। इन्हीं सब को देखते हुए भारतीय रुपया को डॉलर की ही तरह मजबूत करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए गए हैं मैंने ठोस कदमों में से एक कदम मोदी सरकार द्वारा इंटरनेशनल ट्रेड का भी निर्णय लिया गया है।

Ameriki Dollar:हम सभी को पता है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए ब्रदर को काफी ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है अब ऐसे नहीं मोदी सरकार नहीं इसी अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर एक निर्णय लिया है जिसमें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार विदेशी मुद्रा समाचार व्यापार रणनीति अब भारतीय रुपए में करने की कोशिश कर रहा है। इसी को देखते हुए भारत लगातार कुछ देशों के साथ संपर्क कर रहा है और कुछ देशों ने भारत के साथ रुपए में व्यापार करने की हामी भी भरी है।

Ameriki Dollar:आपको बता दें कि भारत ऐसे देशों को खोज रहा है जिनके पास डॉलर की काफी कमी है इसी क्रम में श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भी भारतीय रुपए का इस्तेमाल करने के लिए सहमत हो गया है। भाई श्रीलंका के सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका द्वारा कहां गया कि मैं भारतीय रुपए को श्रीलंका की विदेशी मुद्रा के रूप में नमित करने के लिए आरबीआई भारतीय रिजर्व बैंक की हामी का इंतजार कर रहा है।

Ameriki Dollar:वहीं श्रीलंकाई बैंकों ने भी भारतीय रुपए में व्यापार के लिए कथित रूप से स्पेशल वोस्ट्रो रूपी अकाउंट एसबीआरए नाम का एक स्पेशल व्यापार अकाउंट खोला है। इसके साथ ही दोनों देश श्रीलंका और भारत के नागरिक एक दूसरे के मध्य अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए अब अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय रुपए का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

Ameriki Dollar:वहीं भारत सरकार द्वारा दिए गए उसके इस तरह के फैसले को अभी तक अमेरिका और की कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है हालांकि इस फैसले पर अमेरिकी सरकार में अपनी नजर विदेशी मुद्रा समाचार व्यापार रणनीति बना रखी है।

Ameriki Dollar:वहीं दूसरी तरफ भारत का प्रिय मित्र रूस भी उन देशों की सूची में शामिल हो सकता है जो कि आने वाले समय में इंटरनेशनल ट्रेड के लिए भारतीय रुपए का उपयोग कर सकते हैं। वही इस लिस्ट में भारत तजाकिस्तान क्यूबा लेक्सम्बर्क व्हाट्सएप डांस समेत कई ऐसे 23 रुपयों में कारोबार करने के लिए तैयार हो सकते हैं और आने वाले समय में रुपए के इंटरनेशनल मनी बनने के कारण भारत को व्यापार से होने वाले घाटा भी कम हो जाएगा और वैश्विक स्तर पर भारत की मुद्रा मजबूत हो जाएगी।

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